( गणेश चतुर्थी, Ganesh Chaturthi 2023, Ganesh Chaturthi Hindi )
गणेश चतुर्थी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जो भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दशी तक मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इस दिन भगवान श्री गणेश का जन्म हुआ था।
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गणेश चतुर्थी का महत्व
गणेश चतुर्थी को भगवान गणेश के जन्मोत्सव के रूप में मनाया जाता है। भगवान गणेश को बुद्धि, ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता के रूप में माना जाता है। इस दिन लोग भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं और उन्हें नौ दिन तक विधिवत पूजा अर्चना करते हैं।
गणेश चतुर्थी का महत्व निम्नलिखित बिंदुओं से समझा जा सकता है:
- बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति: भगवान गणेश को बुद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता है। उनकी पूजा से व्यक्ति को बुद्धि, ज्ञान और विवेक की प्राप्ति होती है।
- समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति: भगवान गणेश को समृद्धि और सौभाग्य के देवता भी माना जाता है। उनकी पूजा से व्यक्ति को धन, संपत्ति और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
- बाधाओं को दूर करना: भगवान गणेश को विघ्नहर्ता भी कहा जाता है। उनकी पूजा से व्यक्ति के जीवन की सभी बाधाएं दूर होती हैं।
- सामाजिक एकता: गणेश चतुर्थी एक ऐसा त्योहार है जो हिंदुओं को एक साथ लाता है। इस दिन लोग मिलकर भगवान गणेश की पूजा करते हैं और उत्सव मनाते हैं।
गणेश चतुर्थी के दिन लोग भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं और उन्हें नौ दिन तक विधिवत पूजा अर्चना करते हैं। गणेश चतुर्थी की पूजा विधि निम्नलिखित है:
आह्वान और प्राण प्रतिष्ठा
गणेश चतुर्थी के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ कपड़े पहनें। इसके बाद एक चौकी पर पीला या लाल कपड़ा बिछाकर उस पर भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करें। फिर गणेश जी को अक्षत, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य आदि अर्पित करें। इसके बाद गणेश जी के मंत्र का जाप करें और उन्हें प्राण प्रतिष्ठा दें।
षोडशोपचार पूजा
गणेश जी की प्राण प्रतिष्ठा के बाद षोडशोपचार पूजा करें। षोडशोपचार पूजा में भगवान गणेश को 16 प्रकार से पूजा जाता है। इनमें अक्षत, फूल, धूप, दीप, नैवेद्य, तांबूल, पान, सुपारी, लड्डू, मोदक, इत्र, वस्त्र, आभूषण, आसन, गंध आदि शामिल हैं।
आरती
गणेश चतुर्थी के दिन हर दिन भगवान गणेश की आरती करें। गणेश जी की आरती करने से उनका आशीर्वाद प्राप्त होता है।
विसर्जन
गणेश चतुर्थी के दसवें दिन भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन करें। विसर्जन के लिए भगवान गणेश की मूर्ति को किसी नदी, तालाब या समुद्र में ले जाएं और विधिवत विसर्जित करें।
गणेश चतुर्थी की पूजा सामग्री
गणेश चतुर्थी की पूजा के लिए निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होती है:
* भगवान गणेश की मूर्ति |
* अक्षत (साबुत चावल) |
* फूल |
* धूप |
* दीप |
* नैवेद्य (मोदक, लड्डू, इत्यादि) |
* तांबूल (पान, सुपारी, इत्यादि) |
* लड्डू, मोदक, इत्यादि |
* इत्र |
* वस्त्र |
* आभूषण |
* आसन |
* गंध |
* मंत्र |
गणेश चतुर्थी की पूजा के नियम
गणेश चतुर्थी की पूजा करते समय निम्नलिखित नियमों का पालन करना चाहिए:
- पूजा करते समय स्वच्छता का ध्यान रखें।
- पूजा में केवल शुद्ध सामग्री का उपयोग करें।
- पूजा के समय मन को शांत रखें।
- पूजा में भगवान गणेश के मंत्र का जाप करें।
- पूजा के बाद भगवान गणेश से मनोकामनाएं मांगें।
गणेश चतुर्थी की पूजा के लाभ
गणेश चतुर्थी की पूजा करने से निम्नलिखित लाभ मिलते हैं:
- बुद्धि और ज्ञान की प्राप्ति होती है।
- समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
- बाधाएं दूर होती हैं।
- मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
गणेश चतुर्थी के दिन क्या क्या खाएं?गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों में भगवान गणेश की मूर्ति स्थापित करते हैं और उन्हें नौ दिन तक विधिवत पूजा अर्चना करते हैं। इस दौरान लोग तरह-तरह के व्यंजन बनाते हैं और भगवान गणेश को भोग लगाते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन खाने के लिए कुछ लोकप्रिय व्यंजन निम्नलिखित हैं:
- मोदक: मोदक गणेश चतुर्थी का सबसे लोकप्रिय व्यंजन है। यह एक प्रकार का हलवा होता है जो बेसन, गुड़ और नारियल से बनाया जाता है।
- लड्डू: लड्डू भी गणेश चतुर्थी पर खाए जाने वाले एक लोकप्रिय व्यंजन हैं। ये आमतौर पर खोया, चीनी और मेवे से बनाए जाते हैं।
- साबूदाना: साबूदाना एक ऐसा व्यंजन है जिसे गणेश चतुर्थी के दौरान व्रत रखने वाले लोग भी खा सकते हैं। यह एक प्रकार का पास्ता होता है जिसे पानी में भिगोकर बनाया जाता है।
- खीर: खीर एक मीठा व्यंजन है जो चावल, दूध, चीनी और मेवे से बनाया जाता है।
- पूरी: पूरी एक प्रकार की रोटी होती है जिसे गणेश चतुर्थी के दिन सब्जी या दाल के साथ खाया जाता है।
गणेश चतुर्थी की मूर्ति कैसे बनाएं?
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना की जाती है। भगवान गणेश की मूर्ति मिट्टी, प्लास्टर ऑफ पेरिस, धातु या अन्य सामग्री से बनाई जा सकती है।
मिट्टी से गणेश चतुर्थी की मूर्ति बनाना
मिट्टी से गणेश चतुर्थी की मूर्ति बनाना सबसे आसान तरीका है। इसके लिए आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:
- मिट्टी
- पानी
- सजावटी सामग्री
सबसे पहले एक बर्तन में मिट्टी और पानी मिलाकर एक नरम आटा गूंथ लें। फिर आटे से भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं। मूर्ति को बनाने के बाद उसे सूखने के लिए छोड़ दें। सूखने के बाद मूर्ति को सजावटी सामग्री से सजाएं।
प्लास्टर ऑफ पेरिस से गणेश चतुर्थी की मूर्ति बनाना
प्लास्टर ऑफ पेरिस से गणेश चतुर्थी की मूर्ति बनाना भी एक आसान तरीका है। इसके लिए आपको निम्नलिखित सामग्री की आवश्यकता होगी:
- प्लास्टर ऑफ पेरिस
- पानी
- सजावटी सामग्री
सबसे पहले एक बर्तन में प्लास्टर ऑफ पेरिस और पानी मिलाकर एक गाढ़ा घोल तैयार करें। फिर घोल को एक सांचे में डालकर भगवान गणेश की मूर्ति बनाएं। मूर्ति को बनाने के बाद उसे सूखने के लिए छोड़ दें। सूखने के बाद मूर्ति को सजावटी सामग्री से सजाएं।
धातु से गणेश चतुर्थी की मूर्ति बनाना
धातु से गणेश चतुर्थी की मूर्ति बनाना एक जटिल प्रक्रिया है। इसके लिए आपको एक कुशल कारीगर की आवश्यकता होगी।
गणेश चतुर्थी की मूर्ति बनाने के कुछ सुझाव
- मूर्ति को बनाने के लिए अच्छी गुणवत्ता वाली सामग्री का उपयोग करें।
- मूर्ति को बनाते समय सावधानी बरतें।
- मूर्ति को सूखने के लिए उचित समय दें।
- मूर्ति को सजाते समय रंगों का उचित संयोजन करें।
गणेश चतुर्थी की मूर्ति बनाना एक रचनात्मक प्रक्रिया है। आप अपनी पसंद और बजट के अनुसार मूर्ति बना सकते हैं।
गणेश चतुर्थी के दिन क्या करें और क्या न करें?
गणेश चतुर्थी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जो भारत के विभिन्न भागों में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दशी तक मनाया जाता है। पुराणों के अनुसार इसी दिन भगवान गणेश का जन्म हुआ था।
गणेश चतुर्थी के दिन लोग भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं और उन्हें नौ दिन तक विधिवत पूजा अर्चना करते हैं। गणेश चतुर्थी के दिन कुछ चीजें करना और न करना चाहिए।
गणेश चतुर्थी के दिन क्या करें:
- भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करें और उन्हें विधिवत पूजा अर्चना करें।
- भगवान गणेश की आरती करें।
- भगवान गणेश को मोदक, लड्डू, इत्यादि का भोग लगाएं।
- भगवान गणेश की कथा सुनें।
- भगवान गणेश से मनोकामनाएं मांगें।
गणेश चतुर्थी के दिन क्या न करें:
- गणेश चतुर्थी के दिन तामसिक भोजन न खाएं।
- गणेश चतुर्थी के दिन मांस, मछली, प्याज, लहसुन, इत्यादि न खाएं।
- गणेश चतुर्थी के दिन अश्लील बातें न कहें।
- गणेश चतुर्थी के दिन किसी को अपशब्द न कहें।
- गणेश चतुर्थी के दिन किसी का अपमान न करें।
गणेश चतुर्थी के दिन कुछ विशेष बातें:
- गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों को फूलों और रंगोली से सजाते हैं।
- गणेश चतुर्थी के दिन लोग तरह-तरह के व्यंजन बनाते हैं और भगवान गणेश को भोग लगाते हैं।
- गणेश चतुर्थी के दिन लोग भगवान गणेश की कथा सुनते हैं।
गणेश चतुर्थी का त्योहार हमें बुद्धि, ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के महत्व का संदेश देता है। यह त्योहार हमें यह भी सिखाता है कि हमें हमेशा विघ्नों का सामना धैर्य और साहस के साथ करना चाहिए।
गणेश चतुर्थी के दिन लोग अपने घरों को फूलों और रंगोली से सजाते हैं। इस दिन लोग भगवान गणेश की कथा सुनते हैं और भजन गाते हैं।
गणेश चतुर्थी की कथा
गणेश चतुर्थी की कथा के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म पार्वती और शिव के पुत्र के रूप में हुआ था। पार्वती ने एक दिन स्नान करने के लिए अपने शरीर की मिट्टी से एक बालक बनाया और उसे अपने कमरे में छोड़ दिया। जब शिव घर आए तो उन्होंने उस बालक को देखा और उसे अपना पुत्र समझा और उसे मारने की कोशिश की। पार्वती ने शिव को समझाया कि वह उनका ही पुत्र है। तब शिव ने बालक के सिर को काट दिया।
पार्वती बहुत दुखी हुईं और उन्होंने शिव से बालक को जीवित करने के लिए कहा। शिव ने अपने गले से एक हाथी का सिर काटकर बालक के शरीर से जोड़ दिया। इस प्रकार, भगवान गणेश का जन्म हुआ।
गणेश चतुर्थी की कथा हमें यह सिखाती है कि हमें हमेशा विघ्नों का सामना धैर्य और साहस के साथ करना चाहिए। भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है, क्योंकि वे सभी बाधाओं को दूर करते हैं।
गणेश चतुर्थी की कथा के कुछ अन्य संस्करण भी हैं। एक संस्करण के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म पार्वती और शिव के संयोग से हुआ था। शिव के शरीर से एक अंश निकला और वह पार्वती के शरीर में प्रवेश कर गया। इस प्रकार, भगवान गणेश का जन्म हुआ।
एक अन्य संस्करण के अनुसार, भगवान गणेश का जन्म एक ऋषि के वरदान से हुआ था। एक ऋषि ने पार्वती को वरदान दिया था कि उनका पुत्र सभी बाधाओं को दूर करेगा। इस वरदान के कारण, भगवान गणेश का जन्म हुआ।
गणेश चतुर्थी की कथा एक पौराणिक कथा है, लेकिन यह हमें बुद्धि, ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के महत्व का संदेश देती है।
करके उनकी कृपा प्राप्त करते हैं। भगवान गणेश को बुद्धि और ज्ञान का देवता माना जाता है। उनकी पूजा से व्यक्ति को बुद्धि, ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य की प्राप्ति होती है।
गणेश चतुर्थी के गीत और आरती
गणेश चतुर्थी के गीत
गणेश चतुर्थी के दिन लोग तरह-तरह के गीत गाते हैं। इन गीतों में भगवान गणेश की महिमा का गुणगान किया जाता है।
सुखकर्ता दुखहर्ता
सुखकर्ता दुखहर्ता, ऋद्धि-सिद्धि दाता, गणपति बप्पा मोरया, मंगलमूर्ति मोरया।
गणेश आरती
गणेश आरती, गणेश आरती, सुखकर्ता दुखहर्ता, प्रथम पूज्य, प्रथम देव, गणपति बप्पा मोरया।
अन्य गणेश चतुर्थी के गीत
- गणेश जी की आरती
- गणेश वंदना
- गणेश चालीसा
- गणेश स्तुति
- गणेश मंत्र
गणेश चतुर्थी की आरती
गणेश चतुर्थी के दिन भगवान गणेश की आरती की जाती है। यह आरती भगवान गणेश की महिमा का गुणगान करती है।
गणेश आरती
गणेश आरती, गणेश आरती, सुखकर्ता दुखहर्ता, प्रथम पूज्य, प्रथम देव, गणपति बप्पा मोरया।
आरती के बोल
जय गणपति जय गणपति, जय गणपति देवा, माता-पिता के लाला, सबके दुख हर्ता।
एकदंत दयावंत, चार भुजा धारी, लंबोदर कोतवाल, सबके प्यारे।
मूषक वाहन वाले, सोने के मुकुट धारी, भक्तों के संकट हरने वाले, गणपति बप्पा मोरया।
आरती का अर्थ
हे गणपति, हे गणपति, हे गणपति देव, माता-पिता के लाल, सबके दुख हर्ता।
एक दांत वाले, दयालु, चार भुजा वाले, लंबोदर, कोतवाल, सबके प्यारे।
मूषक वाहन वाले, सोने के मुकुट वाले, भक्तों के संकट हरने वाले, गणपति बप्पा मोरया।
गणेश चतुर्थी की आरती सभी को पसंद आती है। यह आरती भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने के लिए एक अच्छा तरीका है।
गणेश चतुर्थी क्या है?
गणेश चतुर्थी हिंदुओं का एक प्रमुख त्योहार है, जो भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाया जाता है। यह त्योहार भाद्रपद मास की चतुर्थी से चतुर्दशी तक मनाया जाता है।
गणेश चतुर्थी क्यों मनाई जाती है?
गणेश चतुर्थी भगवान गणेश के जन्मदिन के रूप में मनाई जाती है। भगवान गणेश बुद्धि, ज्ञान, समृद्धि और सौभाग्य के देवता माने जाते हैं। इसलिए, इस दिन लोग भगवान गणेश की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं।
गणेश चतुर्थी कैसे मनाई जाती है?
गणेश चतुर्थी के दिन लोग भगवान गणेश की मूर्ति की स्थापना करते हैं और उन्हें नौ दिन तक विधिवत पूजा अर्चना करते हैं। इस दौरान लोग तरह-तरह के व्यंजन बनाते हैं और भगवान गणेश को भोग लगाते हैं। गणेश चतुर्थी के दसवें दिन भगवान गणेश की मूर्ति का विसर्जन किया जाता है।
गणेश चतुर्थी पर क्या खाया जाता है
गणेश चतुर्थी के दिन लोग तरह-तरह के व्यंजन बनाते हैं। इन व्यंजनों में मोदक, लड्डू, खीर, पूरी, इत्यादि शामिल हैं। मोदक गणेश चतुर्थी का सबसे लोकप्रिय व्यंजन है।
गणेश चतुर्थी के बाद क्या होता है?
गणेश चतुर्थी के बाद अनंत चतुर्दशी होती है। अनंत चतुर्दशी के दिन लोग भगवान गणेश की मूर्ति को विसर्जित करते हैं। विसर्जन के बाद लोग भगवान गणेश से विदा लेते हैं और उन्हें अगले साल फिर से आने का निमंत्रण देते हैं।
गणेश चतुर्थी 2023 की तारीख
गणेश चतुर्थी 2023 में 19 सितंबर को मनाई जाएगी। यह त्योहार भाद्रपद मास की चतुर्थी तिथि से शुरू होता है और चतुर्दशी तिथि तक चलता है।
गणेश चतुर्थी 2023 की चतुर्थी तिथि क्या है?
गणेश चतुर्थी 2023 की चतुर्थी तिथि 18 सितंबर को दोपहर 12 बजकर 39 मिनट से प्रारंभ होगी और 19 सितंबर को दोपहर 01 बजकर 43 मिनट पर समाप्त होगी।